बाबर और जहांगीर ही दो ऐसे मुगल सम्राट थे जिन्होंने अपनी आत्मकथा लिखी। बाबर ने "बाबरनामा" लिखा, जिसमें उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को बेहद रोचक और समृद्ध शैली में प्रस्तुत किया। वहीं, जहांगीर ने "तुझुक-ए-जहांगीरी" लिखी, जो उनके जीवन और शासन की विस्तृत और अनूठी विवरण शैली के लिए प्रसिद्ध है।
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