प्रस्तावना स्पष्ट रूप से बताती है कि "हम भारत के लोग, भारत को एक सम्प्रभु समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने और उसके सभी नागरिकों को सुनिश्चित करने के लिए संकल्पबद्ध हैं।" प्रस्तावना के शब्द "हम भारत के लोग... अपनी संविधान सभा में... इस संविधान को अंगीकार, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं" लोकतांत्रिक सिद्धांत को दर्शाते हैं कि सत्ता अंततः जनता के हाथों में निहित है। यह भी दर्शाता है कि संविधान भारतीय जनता द्वारा और उनके लिए बनाया गया है, न कि किसी बाहरी शक्ति (जैसे ब्रिटिश संसद) द्वारा दिया गया है।
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