विनायक नरहरी विनोबा भावे अहिंसा और मानवाधिकारों के भारतीय समर्थक थे। उन्हें अक्सर आचार्य कहा जाता है और वे भूदान आंदोलन के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं। भावे ने तेलंगाना के नलगोंडा जिले के पोचमपल्ली में भूमि दान आंदोलन शुरू किया। उन्होंने जमींदारों से भूमि दान में लेकर गरीबों और भूमिहीनों को खेती के लिए वितरित की।
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