तीन दिवसीय भारत-नेपाल साहित्य महोत्सव का आयोजन वृंदावन, मथुरा, उत्तर प्रदेश में किया गया। इसका आयोजन उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद से संबद्ध गीता शोध संस्थान और क्रांतिधारा साहित्य अकादमी, मेरठ द्वारा किया गया। इस महोत्सव में भारत और नेपाल के 180 से अधिक साहित्यकार, लेखक, पत्रकार और शिक्षाविद शामिल हुए। इसका उद्देश्य दोनों देशों की साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देना और समृद्ध करना था। इसने साहित्य और संस्कृति के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित किया। भारतीय और नेपाली साहित्यकारों के बीच सहयोग को मजबूती मिली। पारंपरिक और समकालीन साहित्य को नई दिशा और पहचान मिली।
This Question is Also Available in:
Englishमराठीಕನ್ನಡ