न्यायिक पुनरावलोकन न्यायपालिका की वह शक्ति है, जिसके तहत वह संविधान की व्याख्या करती है और यदि कोई विधेयक या कार्यपालिका का आदेश संविधान के विरुद्ध पाया जाता है तो उसे अमान्य घोषित कर सकती है। भारतीय संविधान में न्यायिक पुनरावलोकन की व्यवस्था अमेरिकी संविधान से प्रेरित है।
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