सिस्टर निवेदिता: उनका असली नाम मार्गरेट एलिजाबेथ नोबल था, लेकिन वे सिस्टर निवेदिता के नाम से अधिक प्रसिद्ध थीं। वे एक स्कॉट्स-आयरिश समाजसेवी, लेखिका, शिक्षिका और स्वामी विवेकानंद की शिष्या थीं। विवेकानंद ने उन्हें 'सच्ची शेरनी' कहा था, रवींद्रनाथ टैगोर ने 'लोकमाता' (जनता की मां) और अरविंदो घोष ने 'अग्निशिखा' (अग्नि की ज्वाला) की उपाधि दी थी। इंग्लैंड में वे 'भारत की समर्थक' के रूप में जानी जाती थीं। 1900 से 1905 के बीच अपनी मित्र मिस मैक्लॉड को लिखे कई पत्रों में उन्होंने ब्रिटिश शासन के प्रति अपनी घृणा व्यक्त की। ऐसे ही एक पत्र में उन्होंने लिखा, "ब्रिटिश साम्राज्य पूरी तरह सड़ा हुआ है, हर दिशा में भ्रष्ट, अत्याचारी और नीच।"
This Question is Also Available in:
English