सिराजुद्दौला ने अपने नाना अलीवर्दी खान के बाद 1756 में बंगाल के नवाब का पद संभाला। उस समय उनकी उम्र 23 वर्ष थी। 23 जून 1757 को प्लासी के युद्ध में मीर जाफर (नवाब की सेना के कमांडर) के विश्वासघात के कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उन्हें बंगाल का अंतिम स्वतंत्र नवाब माना जाता है।
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