दिल्ली में ढाले गए सिक्के
तोमर राजपूतों के शासन में दिल्ली पहली बार एक राज्य की राजधानी बनी। बारहवीं शताब्दी के मध्य में चौहान (चाहमान) शासकों ने तोमर राजपूतों को पराजित किया। तोमर और चौहान राजाओं के समय में दिल्ली एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र बन गई। शहर में कई समृद्ध जैन व्यापारी रहते थे जिन्होंने कई मंदिर बनवाए। यहां ढाले गए सिक्कों को "दिल्लीवाल" कहा जाता था और इनका व्यापक प्रचलन था।
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