1960 में स्टॉफ़र ने अपनी हस्तक्षेपकारी अवसरों की सिद्धांत को और संशोधित किया और प्रतिस्पर्धी प्रवासियों की अवधारणा जोड़ी। नए मॉडल के अनुसार, किसी निश्चित अवधि में शहर 1 से शहर 2 में प्रवासियों की संख्या शहर 2 में उपलब्ध अवसरों के सीधे अनुपात में होती है और शहर 1 व शहर 2 के बीच मौजूद अवसरों की संख्या और शहर 2 में अवसरों के लिए प्रतिस्पर्धा करने वाले अन्य प्रवासियों की संख्या के विपरीत अनुपात में होती है।
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