भोंसले और सिंधिया दोनों
ब्रिटिश भारत के लिए खतरा बन चुके लूटपाट करने वाले पिंडारियों का सामना करने के लिए लॉर्ड हेस्टिंग्स ने रणनीतिक रूप से भोंसले और सिंधिया दोनों के साथ गठबंधन किया। 1817-1818 के पिंडारी युद्ध ने ब्रिटिश सैन्य क्षमता और कूटनीतिक कौशल को उजागर किया। ये गठबंधन महत्वपूर्ण थे क्योंकि मराठा शासकों के पिंडारियों से पारंपरिक संबंध थे। यह अभियान तीसरे आंग्ल-मराठा युद्ध से पहले हुआ, जिससे भारत में ब्रिटिश प्रभुत्व और मजबूत हुआ। लॉर्ड हेस्टिंग्स का प्रशासन पिंडारी लुटेरों के व्यापक दमन के लिए जाना जाता है, जो 19वीं सदी की शुरुआत में ब्रिटिश विस्तार और सुदृढ़ीकरण की नीति को दर्शाता है।
This Question is Also Available in:
English