पबना आंदोलन या पूर्वी बंगाल में किसान अशांति (1872-76): पूर्वी बंगाल में जमींदारों ने किसानों पर बेदखली, उत्पीड़न, अवैध रूप से संपत्ति जब्त करने, मनमाने ढंग से किराया बढ़ाने और बल प्रयोग करने जैसे अत्याचार किए। इसके विरोध में किसानों ने बिना किराया देने का आंदोलन शुरू किया और जमींदारों व उनके एजेंटों पर सशस्त्र हमले किए। पबना जिला इस आंदोलन का केंद्र था, इसलिए इसे पबना आंदोलन कहा जाता है। ब्रिटिश सरकार ने सशस्त्र हस्तक्षेप कर इस आंदोलन को दबा दिया।
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