नौजवान भारत सभा की स्थापना भगत सिंह ने मार्च 1926 में की थी और इसे सितंबर 1934 में आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 1908 के तहत अवैध घोषित कर दिया गया था। इसका उद्देश्य मजदूरों और किसानों के युवाओं को संगठित कर ब्रिटिश शासन के खिलाफ क्रांति को बढ़ावा देना था। यह एक वामपंथी संगठन था जो स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए श्रमिकों और किसानों के युवाओं को एकजुट करता था। यह हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन का हिस्सा था।
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