खिलाफत आंदोलन प्रथम विश्व युद्ध के बाद भारतीय मुसलमानों द्वारा भारतीय राष्ट्रवाद के साथ मिलकर किया गया एक आंदोलन था। इसका उद्देश्य ब्रिटिश सरकार पर दबाव डालना था ताकि ओटोमन सुल्तान की इस्लाम के खलीफा के रूप में सत्ता बनी रहे, क्योंकि युद्ध के बाद ओटोमन साम्राज्य टूट चुका था। 1920 में उन्होंने खिलाफत घोषणापत्र प्रकाशित किया, जिसमें ब्रिटिश सरकार से खिलाफत की रक्षा करने की मांग की गई और भारतीय मुसलमानों से एकजुट होकर इस उद्देश्य के लिए ब्रिटिश सरकार को जवाबदेह बनाने का आह्वान किया गया।
This Question is Also Available in:
English