थंजावुर पेंटिंग दक्षिण भारत की एक शास्त्रीय चित्रकला है। इसे लकड़ी और कैनवास पर बनाया जाता है, इसलिए इसे स्थानीय भाषा में "पलागई पदम" कहा जाता है। इन चित्रों में अर्ध-कीमती पत्थर, कांच के टुकड़े और 22 कैरेट सोने की पन्नी का उपयोग किया जाता है, जिससे इसकी पृष्ठभूमि सजाई जाती है। आमतौर पर ये चित्र कीड़ों से सुरक्षित रखने के लिए फ्रेम किए जाते हैं।
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