राजस्थान में इस्तेमाल की जाने वाली कुछ जल संचयन विधियाँ हैं: कुंड/कुंडी, कुई/बेरी, बावड़ी/बेर, झालरा, नाड़ी, टोबा, टांका, खडीन, बावली/बावड़ी, विर्डा और जोहड़। कुल्स और गुल्स हिमालय के पहाड़ी क्षेत्रों में जल संचयन के लिए उपयोग की जाती हैं।
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