प्रगतिशील कर प्रणाली में व्यक्ति या संस्था की आय बढ़ने पर कर देयता भी बढ़ती है। यह "भुगतान करने की क्षमता" के सिद्धांत पर आधारित है। इस प्रणाली में आमतौर पर निम्न आय वर्ग के लोगों को कर से छूट मिलती है, जबकि उच्च आय वर्ग के लोग अधिक कर चुकाते हैं। इसलिए आयकर प्रगतिशील कर का उदाहरण है। यह प्रणाली अमीरों से गरीबों की ओर आय के पुनर्वितरण में सहायक होती है।
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