द्विसदनीय विधायिका वह विधायिका होती है जिसमें दो अलग-अलग सदन या कक्ष होते हैं। भारत में केंद्र और कुछ राज्यों में यह व्यवस्था है जहां विधानमंडल में विधान सभा और विधान परिषद होती है। द्विसदनीयता को संघीय प्रणाली की एक महत्वपूर्ण विशेषता माना जाता है।
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