रामकृष्ण परमहंस का मूल नाम गदाधर चट्टोपाध्याय था। वह 19वीं शताब्दी के एक महान आध्यात्मिक गुरु और संत थे, जिन्हें हिंदू धर्म के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व माना जाता है। उनका जन्म 1836 में वर्तमान पश्चिम बंगाल के एक छोटे से गाँव में हुआ था और उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय मंदिर के पुजारी के रूप में बिताया। साधारण पृष्ठभूमि के बावजूद उनके उपदेशों और आध्यात्मिक अनुभवों ने अनेक लोगों पर गहरा प्रभाव डाला और वे अपने जीवनकाल में ही पूजनीय बन गए।
This Question is Also Available in:
English