सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा
दुनिया में सबसे अधिक अनूदित दस्तावेज़ सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा है, जिसे 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपनाया था। यह घोषणा उन मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रताओं को परिभाषित करती है, जिनका हर व्यक्ति हकदार है। इसे 500 से अधिक भाषाओं में अनूदित किया गया है, जिससे यह विश्व का सबसे अधिक अनूदित दस्तावेज़ बन गया है। यह घोषणा मानवाधिकारों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जाती है और अंतरराष्ट्रीय कानून के एक मूलभूत दस्तावेज़ के रूप में व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है।
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