देबेन्द्रनाथ टैगोर
ब्रह्म समाज से जुड़ने से पहले देबेन्द्रनाथ टैगोर ने कोलकाता में तत्त्वरंजिनी सभा की स्थापना की थी, जिसे बाद में तत्त्वबोधिनी सभा के नाम से जाना गया। इसका उद्देश्य धार्मिक जिज्ञासा को बढ़ावा देना और उपनिषदों के सार को प्रसारित करना था।
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