दूसरी जैन परिषद 453 या 466 ईस्वी में वल्लभी में आयोजित हुई थी। इस परिषद में 12 अंग और 12 उपांगों का अंतिम संकलन हुआ। इसकी अध्यक्षता देरीधिगंज ने की थी। पहली परिषद के अध्यक्ष स्थूलभद्र थे, जो पाटलिपुत्र में आयोजित हुई थी।
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