भारत वैश्विक इस्पात उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी बन चुका है और चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक है। यह स्पंज आयरन का भी सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत तैयार इस्पात का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है, जो केवल चीन और अमेरिका से पीछे है। इस्पात क्षेत्र में भारत ने उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। जनवरी से अप्रैल 2024 के बीच उत्पादन में 8.5% सालाना वृद्धि हुई, जबकि अन्य शीर्ष इस्पात उत्पादकों के उत्पादन में गिरावट देखी गई। राष्ट्रीय इस्पात नीति 2017 के तहत भारत ने अपनी इस्पात उत्पादन क्षमता को लगभग 161 मिलियन टन से बढ़ाकर 300 मिलियन टन करने का लक्ष्य रखा है। इस क्षेत्र को हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन, लार्सन एंड टुब्रो और सीजी इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस जैसे कई उपकरण निर्माताओं का समर्थन प्राप्त है, जिससे भारत की वैश्विक स्थिति और मजबूत होती है।
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