थेरुकूथु तमिलनाडु में प्रचलित एक अनोखा ग्रामीण मनोरंजन है जिसका अर्थ है "सड़क नाटक"। इस पर शास्त्रीय संस्कृत नाटक का कुछ प्रभाव देखा जा सकता है। इसे सार्वजनिक स्थलों पर खासतौर पर गांवों के मंदिर उत्सवों के दौरान प्रस्तुत किया जाता है। यह रंगमंच मुख्य रूप से पौराणिक कथाओं और दंतकथाओं पर आधारित होता है। इसके प्रदर्शन में जोशीले नृत्य और पुरुष कलाकारों द्वारा रंग-बिरंगे भव्य परिधान, चमकदार कंधे के आभूषण, विस्तृत मुकुट और गहरे चमकीले मेकअप के साथ आकर्षक वेशभूषा शामिल होती है।
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