तज़ुक-ए-जहाँगीरी या जहाँगीरनामा मुगल सम्राट नूर-उद-दीन मुहम्मद जहाँगीर (1569-1627) की आत्मकथा है। यह फ़ारसी भाषा में लिखी गई है और इसे जहाँगीरनामा के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने अपने जीवन के विभिन्न चरणों पर संस्मरण लिखे, जो 1622 में उनकी मृत्यु तक जारी रहे। उनके मूल पांडुलिपि को उनके चित्रकारों ने शानदार ढंग से सजाया था, लेकिन ये चित्र शीघ्र ही बिखर गए और अधिकांश मुरक्का (एल्बम) में संकलित मिले।
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