अन्य पारंपरिक ग्रहों की तरह यूरेनस भी नंगी आंखों से दिखाई देता है, लेकिन इसकी धुंधली चमक और धीमी गति के कारण प्राचीन खगोलविदों ने इसे कभी ग्रह के रूप में नहीं पहचाना। सर विलियम हर्शल ने 13 मार्च 1781 को पहली बार यूरेनस को देखा, जिससे इसकी ग्रह के रूप में पहचान हुई। यह खोज सौर मंडल की ज्ञात सीमाओं को पहली बार बढ़ाने वाली थी और यूरेनस पहला ग्रह बना जिसे टेलीस्कोप की मदद से पहचाना गया।
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