विजयालय चोल को चोल वंश के संस्थापक के रूप में मान्यता प्राप्त है। उन्होंने 850 ईस्वी में तंजौर के राज्य पर अपना नियंत्रण स्थापित किया, जिससे दक्षिण भारत में चोल वंश का उदय हुआ। उनके शासनकाल ने चोल वर्चस्व की अवधि की शुरुआत की, जिसने दक्षिण भारत के राजनीतिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया।
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