भीड़ के हिंसक होने के कारण
असहयोग आंदोलन चौरी चौरा घटना के कारण वापस लिया गया था। हालांकि गांधीजी ने अकेले ही इस राष्ट्रीय विद्रोह को रोक दिया था, फिर भी 10 मार्च 1922 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन उस समय कई इतिहासकारों और भारतीय नेताओं ने उनके निर्णय का समर्थन किया।
This Question is Also Available in:
English