खेड़ा सत्याग्रह (1918): महात्मा गांधी ने गुजरात के खेड़ा जिले में किसानों के समर्थन में यह आंदोलन शुरू किया। उस समय क्षेत्र में अकाल पड़ा था, जिससे किसान राजस्व देने में असमर्थ थे, लेकिन ब्रिटिश सरकार कर माफ करने को तैयार नहीं थी। तब महात्मा गांधी ने सरदार वल्लभभाई पटेल के साथ "नो-रिवेन्यू" अभियान शुरू किया। इस सत्याग्रह का परिणाम यह हुआ कि ब्रिटिश सरकार ने राजस्व को 6.03% तक कम कर दिया और अधिकारियों को केवल उन किसानों से कर वसूलने का आदेश दिया जो भुगतान करने के इच्छुक थे।
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