क्रिप्स मिशन मार्च 1942 में भारत आया था। इसका नेतृत्व सर स्टैफर्ड क्रिप्स ने किया था। यह मिशन राष्ट्रवादी कांग्रेस नेताओं के साथ समझौता करने के लिए भेजा गया था। मिशन ने भारत से ब्रिटिश युद्ध प्रयासों के प्रति निष्ठा बनाए रखने को कहा और द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने के बाद चुनाव तथा पूर्ण स्वशासन या डोमिनियन का दर्जा देने का वादा किया। मुस्लिम लीग ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया क्योंकि इसमें अलग पाकिस्तान की कोई बात नहीं थी। सिख, हिंदू महासभा, एंग्लो-इंडियन, ईसाई और दलित वर्ग ने भी इसे ठुकरा दिया क्योंकि उनके लिए कोई विशेष सुरक्षा प्रावधान नहीं था।
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