वेदांत दर्शन को उत्तर मीमांसा भी कहा जाता है। वेदांत का अर्थ है वेदों का अंतिम सिद्धांत। महर्षि व्यास द्वारा रचित ब्रह्मसूत्र इस दर्शन का मूल ग्रंथ है। इस दर्शन के अनुसार ब्रह्म सृष्टि का कर्ता और संहारक है, वह सृष्टि का कारण तो है लेकिन कोई साधन या उपादान कारण नहीं है। ब्रह्म सर्वज्ञ, सर्वशक्तिमान, आनंदमय, शाश्वत और विशिष्ट नित्य सत्ता है।
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