Q. “केवल पागल लोग, जो पागलखाने के बाहर हैं, स्वतंत्रता के बारे में सोच सकते हैं या बात कर सकते हैं” स्वराज्य की उभरती अवधारणा के संदर्भ में यह टिप्पणी किसने की थी? Answer:
गोपाल कृष्ण गोखले
Notes: गोपाल कृष्ण गोखले भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान एक समाज सुधारक और राजनीतिक नेता थे। वे सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी के संस्थापक भी थे। 1903 में स्वराज के विचार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा था, "केवल पागल लोग, जो पागलखाने के बाहर हैं, स्वतंत्रता के बारे में सोच सकते हैं या बात कर सकते हैं।"