भारत के संविधान में 1976 में किए गए 42वें संशोधन के तहत नागरिकों के मौलिक कर्तव्य जोड़े गए। ये कर्तव्य सभी नागरिकों के नैतिक दायित्व के रूप में परिभाषित किए गए हैं ताकि देशभक्ति की भावना को बढ़ावा दिया जा सके और भारत की एकता को बनाए रखा जा सके। ये कर्तव्य संविधान के भाग IV-A में उल्लिखित हैं और नागरिकों व राष्ट्र से संबंधित हैं।
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