स्विट्जरलैंड 1 जनवरी 2025 से भारत के साथ अपने दोहरे कराधान बचाव समझौते (DTAA) में सर्वाधिक अनुकूल राष्ट्र (MFN) की धारा को निलंबित कर देगा। इससे स्विट्जरलैंड में भारतीय कंपनियों और भारत में स्विस निवेशकों पर कर का बोझ बढ़ सकता है, जिससे द्विपक्षीय निवेश प्रभावित हो सकता है। MFN का अर्थ है कि एक साझेदार को दिए गए व्यापार रियायतें सभी साझेदारों को दी जानी चाहिए, जिससे निष्पक्षता को बढ़ावा मिलता है। इसका उद्देश्य शक्ति-आधारित नीतियों को नियम-आधारित प्रणाली से बदलना है। अपवादों में द्विपक्षीय समझौते, विकासशील देशों के लिए विशेष पहुंच और EU जैसे व्यापार ब्लॉक शामिल हैं। MFN को औपचारिक प्रक्रिया के बिना हटाया जा सकता है, जैसा कि 2019 में भारत द्वारा पाकिस्तान के लिए इसे रद्द करने पर देखा गया था।
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