आत्मकथा "तुजुक-ए-जहाँगीरी" में जहाँगीर ने कहा था कि वह प्रत्येक प्रसिद्ध चित्रकार के कार्य को पहचान सकता है, चाहे चित्र संयुक्त रूप से बनाया गया हो। यह आत्मकथा अभिव्यक्ति और अवलोकन की उनकी क्षमता को दर्शाने वाला अनूठा साहित्यिक ग्रंथ है।
This Question is Also Available in:
English