उग्रवादी नेता बाल गंगाधर तिलक ने स्वामी विवेकानंद को अपना राजनीतिक गुरु माना था। तिलक को भारत में असंतोष का जनक और 1916 में होम रूल आंदोलन के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। वे राष्ट्रवादी और कट्टरपंथी नेता थे लेकिन उनके सामाजिक विचार रूढ़िवादी थे। वे हिंदू महिलाओं की आधुनिक शिक्षा के विरोधी थे। शुरुआत में उन्होंने सहमति आयु विधेयक का भी विरोध किया, जिसमें लड़कियों की शादी की उम्र 10 से बढ़ाकर 12 वर्ष करने का प्रस्ताव था।
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