यह अधिनियम, जो दहेज प्रथा को प्रतिबंधित करता है, 20 मई 1961 को पारित हुआ था। यह मुसलमानों पर लागू नहीं होता। इसमें 2000 रुपये तक के उपहारों के आदान-प्रदान की अनुमति है। इसका उल्लंघन करने पर 6 महीने की कैद या 5000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। 1986 में इसमें संशोधन हुआ, जिससे इसके नियम और सख्त हो गए।
This Question is Also Available in:
English