दो और भारतीय समुद्र तटों को मिला अंतरराष्ट्रीय ब्लू फ्लैग प्रमाणन (Blue Flag Certification)
भारत में दो और समुद्र तटों को 21 सितंबर, 2021 को ‘ब्लू फ्लैग’ प्रमाणन प्राप्त हुआ है।
मुख्य बिंदु
- ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन एक अंतरराष्ट्रीय इको-लेवल टैग है।
- दो समुद्र तटों के जुड़ने से भारत में ऐसे समुद्र तटों की कुल संख्या 10 हो गई है।
- 2021 में प्रमाणन प्राप्त करने वाले दो समुद्र तट तमिलनाडु में कोवलम और पुडुचेरी में ईडन हैं।
- गुजरात के शिवराजपुर, दीव में घोघला, कर्नाटक में कासरकोड और पादुबिद्री, आंध्र प्रदेश में कप्पड-केरल, रुशिकोंडा, ओडिशा में गोल्डन और अंडमान व निकोबार में राधानगर नाम के 8 समुद्र तटों के लिए ब्लू फ्लैग पुन: प्रमाणन भी किया गया था।
ब्लू फ्लैग प्रमाणन (Blue Flag Certification)
ब्लू फ्लैग प्रमाणन वाले समुद्र तटों को दुनिया भर में सबसे स्वच्छ समुद्र तटों के रूप में माना जाता है। यह दुनिया के सबसे मान्यता प्राप्त स्वैच्छिक इको-लेबलों में से एक है जो समुद्र तटों के साथ-साथ स्थायी नौका विहार पर्यटन ऑपरेटरों को प्रदान किया जाता है।
प्रमाणन के लिए मानदंड क्या हैं?
ब्लू फ्लैग प्रमाणन के साथ एक समुद्र तट को प्रमाणित करने के लिए कड़े पर्यावरण, शैक्षिक, पहुंच और सुरक्षा मानदंडों की एक श्रृंखला की जाँच की जाती है। ऐसे 33 मानदंड हैं जिन्हें ब्लू फ्लैग प्रमाणन के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए पूरा करना आवश्यक है। मानदंड में कुछ गुणवत्ता मानकों को पूरा करना, दिव्यांगजनों के अनुकूल होना, अपशिष्ट निपटान की सुविधा, प्राथमिक चिकित्सा उपकरण आदि शामिल हैं। इनमें से कुछ मानदंड स्वैच्छिक हैं और कुछ अनिवार्य हैं।
यह प्रमाणीकरण कौन देता है?
समुद्र तटों और मरीना के लिए ब्लू फ्लैग प्रमाणन कार्यक्रम Foundation for Environmental Education (FEE) नामक अंतरराष्ट्रीय, गैर-सरकारी और गैर-लाभकारी संगठन द्वारा चलाया जाता है। FEE की स्थापना 1985 में फ्रांस में हुई थी।