1913 में समाज सुधारक गोविंद गुरु ने राजस्थान के आदिवासी भीलों का ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया। यह विद्रोह मुख्य रूप से ब्रिटिश शासन द्वारा भीलों के सामाजिक और धार्मिक सुधारों में हस्तक्षेप के कारण हुआ था। इन सुधारों में शराबबंदी, आदिवासियों पर कर और बेगार की समाप्ति, नियमित स्वच्छता, सामाजिक एकता का विकास, कृषि को अपनाना, कुओं का निर्माण, चोरी रोकना और डप्पा प्रथा का अंत शामिल था। हालांकि यह आंदोलन न्यायसंगत था, लेकिन ब्रिटिश शासन ने इसे निर्दयता से कुचल दिया।
This Question is Also Available in:
English