1947 में भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिलने के बाद विजयलक्ष्मी पंडित ने राजनयिक सेवा में प्रवेश किया और 1947 से 1949 तक सोवियत संघ में भारत की राजदूत रहीं। 1949 से 1951 तक उन्होंने अमेरिका और मैक्सिको में, 1955 से 1961 तक आयरलैंड में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इसी दौरान वह यूनाइटेड किंगडम में भारत की उच्चायुक्त भी रहीं। 1958 से 1961 तक वह स्पेन में भारत की राजदूत थीं। 1946 से 1968 तक उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। 1953 में वह संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनीं।
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