1874 ई.
सुरेंद्रनाथ बनर्जी को 1874 में भारतीय सिविल सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। वह भारतीय सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले दूसरे भारतीय थे।
उन्होंने 1869 में परीक्षा पास की थी, लेकिन आयु संबंधी विवाद के कारण अयोग्य घोषित कर दिए गए। बाद में उन्होंने अदालत में मामला सुलझाने के बाद 1871 में फिर से परीक्षा पास की। उन्हें सिलहट में सहायक मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया, लेकिन एक गंभीर न्यायिक त्रुटि के कारण जल्द ही हटा दिया गया।
सुरेंद्रनाथ बनर्जी को अक्सर "भारतीय राष्ट्रवाद के जनक" कहा जाता है। 1876 में वे कलकत्ता नगर निगम के सदस्य चुने गए। उसी वर्ष उन्होंने संवैधानिक सुधारों की मांग के लिए इंडियन एसोसिएशन की स्थापना की।
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