केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने घोषणा की कि उत्तर भारत की पहली परमाणु ऊर्जा परियोजना हरियाणा के गोरखपुर में स्थापित की जाएगी। यह परियोजना भारत में परमाणु ऊर्जा विस्तार और स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसमें 2800 मेगावाट क्षमता वाले दो जुड़वां इकाइयों के प्रेसराइज्ड हैवी वॉटर रिएक्टर (PHWR) शामिल हैं। PHWR में शीतलक और मॉडरेटर दोनों के रूप में भारी पानी (D₂O) का उपयोग किया जाता है, जबकि ईंधन के रूप में प्राकृतिक यूरेनियम प्रयोग होता है। भारी पानी में सामान्य हाइड्रोजन के स्थान पर ड्यूटेरियम होता है, जो न्यूट्रॉनों को प्रभावी रूप से धीमा करता है और इसका न्यूट्रॉन अवशोषण की संभावना कम होती है।
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