अलाउद्दीन खिलजी, जिनका असली नाम अली गुरशप था, को सिकंदर-ए-सानी कहा जाता था। उन्होंने सैन्य अभियानों के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से आर्थिक सुधार लागू किए और बाजार व्यवस्था को नियंत्रित किया। उनके शासन में अलाई दरवाज़ा का निर्माण, कुतुब मीनार का विस्तार और एक सशक्त जासूसी तंत्र स्थापित हुआ। उन्होंने मंगोलों को पराजित किया और गुजरात, रणथंभौर तथा चित्तौड़ को अपने साम्राज्य में मिला लिया। उनके सिक्कों पर उनकी साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षाएं झलकती थीं।
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