महात्मा गांधी के राष्ट्रीय राजनीति में आने के बाद सूरत जिले के बारडोली तालुका में राजनीतिक जागरूकता बढ़ी। फरवरी 1926 में वल्लभभाई पटेल को इस आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए बुलाया गया। बारडोली की महिलाओं ने उन्हें "सरदार" की उपाधि दी।
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