हाल ही में 13 मई 2025 को महाराष्ट्र सरकार ने एक नई नीति को मंजूरी दी है, जिसके तहत सभी सरकारी और अर्ध-सरकारी निर्माण परियोजनाओं में कृत्रिम रेत या मैन्युफैक्चर्ड सैंड (एम-सैंड) का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। इस नीति का उद्देश्य अवैध नदी रेत खनन को रोकना और पर्यावरणीय नुकसान को कम करना है। यह टिकाऊ निर्माण को बढ़ावा देती है और पर्यावरण के अनुकूल सामग्री जैसे एम-सैंड के उपयोग को प्रोत्साहित करती है। राज्य भर में 1500 क्रशर यूनिट्स स्थापित करने की योजना है और इनके लिए राज्य की जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। एम-सैंड उत्पादकों को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) का दर्जा मिलेगा और रॉयल्टी दरों में छूट दी जाएगी। यह नीति प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करती है और स्थानीय उद्योग व रोजगार को बढ़ावा देती है।
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