इस प्रश्न की भाषा अस्पष्ट हो सकती है। अगर हम देवताओं की पूजा के पुरातात्विक साक्ष्यों की बात करें तो गुप्त साम्राज्य के समय (यानी 4वीं शताब्दी ईस्वी) के मंदिरों में पूजा अनुष्ठानों और मूर्तिपूजा के प्रमाण मिलते हैं। गुप्त काल में हिन्दू धर्म और बौद्ध धर्म में बड़े परिवर्तन हुए। इस काल में 'शक्ति' की व्यापक पूजा और पुराणों से लिए गए विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियों का विवरण मिलता है। इस दौरान कार्तिकेय और गणेश की पूजा का भी विशेष महत्व था।
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