सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक (WPI) की समीक्षा शुरू की है ताकि इसका आधार वर्ष 2011-12 से बदलकर 2022-23 किया जा सके। इस बदलाव का उद्देश्य संरचनात्मक आर्थिक परिवर्तनों को दर्शाना और मुद्रास्फीति मापन तथा GDP गणना की सटीकता को बढ़ाना है। नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद की अध्यक्षता में 18-सदस्यीय समिति यह भी जांच करेगी कि सेवाओं को शामिल करने के लिए उत्पादक मूल्य सूचकांक (PPI) में परिवर्तन किया जा सकता है या नहीं, जो भारत के आर्थिक उत्पादन का आधे से अधिक हिस्सा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं के साथ तालमेल बनेगा।
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