मोहम्मद-बिन-तुगलक को 'प्रिंस ऑफ मनीर्स' कहा जाता है। उन्होंने 1329-30 में टोकन मुद्रा चलाई, जिसमें तांबे और पीतल के सिक्कों को चांदी के बराबर माना गया। यह योजना नकली सिक्कों की बढ़ती संख्या और केंद्रीय टकसाल की कमी के कारण विफल हो गई। उन्होंने दिल्ली से दौलताबाद राजधानी भी स्थानांतरित की, जिससे अराजकता फैल गई। इसके अलावा, दोआब क्षेत्र में कृषि कर बढ़ाने की असफल कोशिश की, जिससे अकाल और असंतोष उत्पन्न हुआ।
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