मुगल सम्राट जहांगीर अपने वायसरॉयalty के समय से ही चित्रकला के बड़े संरक्षक थे। उन्होंने उस दौर के कई महान चित्रकारों को संरक्षण दिया, जिनमें उस्ताद मंसूर भी शामिल थे। मुगल चित्रकला मुगल दरबार तक ही सीमित रही और आम लोगों तक नहीं पहुंची। जहांगीर की मुगल चित्रकला को परखने की दृष्टि बहुत सूक्ष्म थी।
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