खिज्र खान ने 1414 ईस्वी में दौलत खान को हराकर सैयद वंश की स्थापना की। यह दिल्ली सल्तनत का चौथा वंश था, जो 1451 तक चला। इस दौरान केंद्रीय सत्ता कमजोर रही और विद्रोह होते रहे। खिज्र खान ने खुद को पैगंबर मुहम्मद का वंशज बताया और तैमूरी शासक शाहरुख के अधीन रहा लेकिन सुल्तान की उपाधि नहीं ली। यह वंश तब समाप्त हुआ जब अलाउद्दीन आलम शाह ने गद्दी छोड़कर बहलोल लोदी को सत्ता सौंप दी।
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