पाली ग्रंथों के अनुसार छठी शताब्दी ईसा पूर्व में गाँव तीन प्रकार के होते थे। आमतौर पर इनमें विभिन्न जातियों के लोग रहते थे। ऐसे गाँवों का नेतृत्व एक मुखिया करता था जिसे ग्रामभोजक, ग्रामिणी या ग्रामक कहा जाता था।
This Question is Also Available in:
English